श्री राधा-कृष्ण के आदेश से खुला मथुरा में सैनिक स्कूल: राजनाथ सिंह, देश के पहले बालिका सैन्य विद्यालय का वृंदावन में लोकार्पण

मथुरा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि साल के पहले दिन साधु संतों का आशीर्वाद मिलना बड़े सौभाग्य की बात है। राम मंदिर आंदोलन में दीदी मां साध्वी रितंभरा का अहम योगदान था। समाज को ही दीदी ने परिवार मान लिया है। हमारे देश के ऋषियों ने पूरी धरा पर रहने वाले समाज को परिवार माना है। जिस क्षेत्र में कान्हा रहते हैं वहां तो दिव्यता रहेगी ही रहेगी। कृष्ण वह हैं जो आपको आकर्षित करते हैं, कृष्ण के नाम में ही सुख है। इसलिए कृष्ण की इस नगरी में मेरा मन प्रसन्न है।

उन्होंने कहा कि वृंदावन में विदेशी भगवान के दर्शन करते हैं और रम जाते हैं, अधिकांश यहां बस जाते हैं। यहां शांति की अनुभूति होती है। उन्हें भगवान कृष्ण और राधा रानी की भक्ति करके वृंदावन में शांति मिलती है। यहां रिक्शा वाला भी राधे- राधे बोलता है। राधे- राधे बोलने वाले लोग मिलेंगे तो वह वृंदावन में ही मिलेंगे। यहां चाय पीना हो, पान खाना हो, कचौड़ी खानी हो सब जगह राधे- राधे बोलते यहां के निवासी मिलेंगे। राधे-राधे उनके जीवन में बसा है। यह यहीं संभव है। यहां सैन्य स्कूल मैंने नहीं, राधा- कृष्ण के आदेश से खुला है। दीदी मां से अनुरोध है कि जो स्वामी परमानंद आदेश दिया है, उसको पूरा करें।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ” जो लोग अयोध्या जाने से संकोच करते थे। वह अब कह रहे हैं कि हमें निमंत्रण नहीं मिला। साथ ही कहा कि हर नागरिक का ये संकल्प होना चाहिए कि 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने में सहयोग करे।

महायोगी की नगरी मथुरा की पहचान अब बेटियों से भी होगी। वृंदावन में देश के पहले सैन्य बालिका विद्यालय का लोकार्पण हो गया। साध्वी ऋतंभरा द्वारा स्थापित वात्सल्य ग्राम परिसर में समविद गुरुकुलम बालिका सैन्य विद्यालय में सीबीएसई पाठ्यक्रम के साथ सैन्य प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस सैन्य विद्यालय में 120 सीटें हैं। आगामी 21 जनवरी को लिखित परीक्षा होगी, जिसमें सफल अभ्यर्थियों की ई-काउंसलिंग होगी और मेरिट लिस्ट बनेगी। सत्र अप्रैल से शुरू होगा। बेटियों के तीन बैच बनाए जाएंगे। बेटियों को सीबीएसई शिक्षा के साथ सैन्य शिक्षा, खेलकूद के अलावा बाधा प्रशिक्षण भी पूर्व सैनिकों या एनसीसी द्वारा दिया जाएगा।

इस अवसर पर सीएम योगी ने कहा मिशन शक्ति कि बेटियों सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन का एक अद्भुत उदाहरण है। समाज को अगर सशक्त होना और सामर्थ होना है, तो नारी शक्ति की सुरक्षा, उनके सम्मान और स्वावलंबन की बिना यह संभव नहीं है। इसके लिए हम सभी को जुटना पड़ेगा। समाज को अपनी रूढ़िगत विचारधारा से बाहर निकालना पड़ेगा।